सूरत में सात दिवसीय नेशनल सिल्क एक्सपो का आयोजन
- नेशनल सिल्क एक्सपो में तरह-तरह के डिजाइन के साथ अच्छी क्वालिटी की साड़ी, सूट और कपड़े होंगे उपलब्ध
- सूरत के नेशनल सिल्क एक्सपो में 50 प्रतिशत तक का डिस्काउट ऑफर
- अब ग्राहकों कोअलग-अलग दुकान में खरीदारी करने की झंझट से मिलेगी मुक्ति
सूरत। सूरत के सिटीलाइट स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में सात दिवसी नेशनल सिल्क एक्सपो आयोजित किया गया है। 11 अप्रेल से शुभारंभ होनेवाले नेशनल सिल्क एक्सपो में महिलाओं के लिए सिल्क, कोटन साड़ी, डिजाइनर एथेनिक ड्रेस, ड्रेस मटेरियल्स, होम लिनन सहित अलग अलग वेरायटिया एक जगह उपलब्ध होगा। 11 से 17 अप्रेल तक चलने वाला यह नेशनल सिल्क एक्सपो सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। इसकी खासियत है कि इसमें पूरे भारत से 150 से ज्यादा मास्टर वीवर्स और श्रेष्ठ डिजाइनर्स की कारीगरी आपको देखने को मिलेंगी। शादी और गर्मी सीजन के लिए स्पेशल साड़ी और सूट नई डिजाइन के साथ लेटेस्ट वेरायटी उपलब्ध है। साथ ही साथ 50 प्रतिशत तक का डिस्काउट भी मुहैया करवाया जाएगा। यहां तरह-तरह के डिजाइन के साथ अच्छी क्वालिटी की साड़ी, सूट और कपड़े हैं। एक जगह पर कई राज्यों के बुनकरों द्वारा तैयार कपड़े का काउंटर लगाए जाएंगे। जिससे कि अलग-अलग दुकान में खरीदारी करने की झंझट से मुक्ति मिलेगी। “अलग-अलग डिजाइन का अलग-अलग रेट है, जो लोग खरीदारी कर रहे हैं अपने बजट के अनुसार खरीदारी कर सकेंगे। साथ ग्राहकों को भुगतान करने के लिए डिबेट कार्ड , क्रेडिट कार्ड सहित कई विकल्प उपलब्ध होंगे।
नेशनल सिल्क एक्सपो में देशभर के कोने कोने से विविध स्थानों की लोकप्रिय वैरायटी की साड़ियां एवं ड्रेस मटेरियल उपलब्ध है, जो महिलाओं को आकर्षित कर रही है। जिसमें तरह तरह के डिजाइन्स, पैटन्स, कलर कॉम्बिनेशन है। जिसमें 15 हजार से लेकर 2 लाख तक की गुजरात की डबल इक्कत हैडमेड पटोला साड़ी उपलब्ध है, जो आठ महीने में तैयार होती है। इसे दो बार बुना जाता है। तमिलनाडू की प्योर जरी वर्क की कांजीवरम साड़ी भी महिलाओं को लुभाएगी।
बनारस के बुनकर अपनी साड़ीयों को नए जमाने के हिसाब से लोकप्रिय बनाने के लिए कई तरह के प्रयोग करते रहते हैं। कभी वे बनारसी साड़ीयों पर बाग की छपाई करवाते है तो अब वे बनारसी सिल्क साड़ीयों पर महाराष्ट्र की पैठणी साड़ीयों के मोटिफ बुन रहे हैं। वैसे पारंपरिक बनारसी जरी और कढ़वा बूटी साड़ीयों से लेकर तनछोई सिल्क तक कई तरह की वैरायटी एक हजार से लेकर पांच हजार तक इस सेल में मिल रही है।
रेशम की बुनाई के लिए मशहूर बिहार के भागलपुर से कई बुनकर शादी सीजन जैसे खास मौके पर पहने जाने वाले कुर्ता व पायजामा के लिये खास हाथ से बने हुये भागलपुर सिल्क व मोदी जैकेट का कपड़ा भी उपलब्ध है। तमिलनाडु की प्योर जरी वर्क की कांजीवरम साड़ी भी महिलाओं का पसंद आ रही है। सोने और चांदी के तारों से बनी इस साड़ी को कारीगर 30 से 40 दिन में तैयार करते हैं जिसकी कीमत 5 हजार से शुरु होकर 2 लाख होती है। मैसूर सिल्क साड़ीयों के साथ ही क्रेप और जॉर्जेट सिल्क, बिहार का टस्सर सिल्क, आन्ध्रा प्रदेश का उपाड़ा, उड़ीसा का मूंगा सिल्क भी सूरत के सिटीलाइट स्थित महाराज अग्रसेन भवन में उपलब्ध है।