एग्रीकल्चर

किसानों की सहुलियत के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम) का विस्तार किया जा रहा है

अखिल भारतीय व्यापार पोर्टल कृषि उत्पादन के लिए “वन नेशन, वन मार्केट” का सपना साकार करने में मदद कर रहा है

1000 नई मंडियों को जोड़कर उसका विस्तार

राष्ट्रीय कृषि बाजार जो ई-नैम के नाम से मशहूर है, कृषि विपणन में एक अभिनव पहल थी, जिसे किसान की अनेक बाजारों और खरीदारों तक डिजीटल पहुंच बढ़ाने और व्यापार के लेन-देन में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू किया गया था ताकि बाजार मूल्या निर्धारित करने की प्रक्रिया में सुधार लाया जा सके, गुणवत्ता के अनुरूप मूल्यु की प्रस्तु ति की जा सके और कृषि उपज के लिए “एक राष्ट्र , एक बाजार (वन नेशन वन मार्केट)” की अवधारणा विकसित हो सके।

18 राज्यों और 3 संघ शासित प्रदेशों में 1000 बाजारों को जोड़कर ई-नैम के तहत बेहतर बाजार लिंकेज प्रदान किया गया था। अब तक 1.69 करोड़ से अधिक किसानों और 1.55 लाख व्यापारियों ने ई-नैम प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण किया है। ऑनलाइन और पारदर्शी बोली प्रणाली किसानों को ई-नैम प्लेटफॉर्म पर तेजी से व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ई-नैम प्लेटफॉर्म पर 4.13 करोड़ मीट्रिक टन कच्चाा माल और 3.68 करोड़ रुपये की नारियल वस्तुओं और 1.22 करोड़ रुपये की बांस की वस्तुरओं की कुल व्यापार मात्रा दर्ज की गई है। इस मंच में किसानों को सीधे भुगतान करने की व्यनवस्थाऔ है।

अपनी 1000 मंडियों में ई-नैम की सफलता को देखते हुए, अब यह विस्तार के मार्ग पर है जैसा कि माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमणद्वारा 1 फरवरी, 2021 को जारी केन्द्री य बजट में घोषित किया गया है। यानी ई-नैम के साथ 1000 और मंडियों को जोड़ा जाएगा, इससे मंडियों को और मजबूती मिलेगी।

कोविड -19 के दौरान, ई-नैम में एफपीओ ट्रेडिंग मॉड्यूल की शुरूआत करई-नैम प्लेटफॉर्म / मोबाइल ऐप को और मजबूत किया गया है जहां एफपीओ उनके उत्पामद को एपीएमसी लाए बिना उनके संग्रह केन्द्रक से व्यापार कर सकता है। ई-नैम प्लेटफॉर्म पर अब तक 1844 एफपीओ हैं। इसके अतिरिक्त, वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल भी ई-नैम में शुरू किया गया ताकि ई-एनडब्यूर आर पर आधारित गोदामों से व्यापार की सुविधा मिल सके। यहां पर अंतर-मंडी और अंतर-राज्य व्यापार की सुविधा के लिए, लॉजिस्टिक मॉड्यूल का परिष्कृवत संस्करण जारी किया गया है, जिसके द्वारा परिवहन लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म के समूहक शामिल हुए हैं जो उपयोगकर्ताओं को अपनी उपज ले जाने के लिए पता लगाने योग्यप परिवहन सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद करते हैं। इसके अलावा ई-नैम प्लेटफॉर्म को कर्नाटक सरकार के आरईएमएस प्लेटफॉर्म के साथ अंत:प्रचालनीय बनाया गया है जो किसानों को दोनों में से किसी भी प्लेटफार्म पर अपनी उपज बेचने की सुविधा देगा जिससे उनकी बाजार पहुंच बढ़ जाएगी।

ई-नैमअब “प्लेटफ़ॉर्म के प्लेटफ़ॉर्मों ” के रूप में विकसित हो रहा है ताकि एक डिजिटल इकोसिस्टिम बनाया जा सके जो कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ उठा सके। मूल्य श्रृंखला अर्थात ई-नैम (क्यूसी सेवाओं, परिवहन और वितरण सेवाओं, छँटाई / ग्रेडिंग सेवाओं, पैकेजिंग सेवाओं, बीमा, व्यापार वित्त, गोदामों आदि) के साथ सर्विस प्ले टफॉर्म का विकास और एकीकरण, किसानों को उनकी उपज में मूल्य जोड़ने और उनके लिएकृषि विपणन आसान बनानेकी सुविधा प्रदान करता है।

“ई-नैम केवल एक योजना नहीं है बल्कि यह एक यात्रा है जिसका उद्देश्य अंतिम मील पर किसान को लाभ पहुंचाना है और उनकी कृषि उपज बेचने के तरीके को बदलना है। इस तरह का हस्तक्षेपहमारे किसानों को अतिरिक्त लागत के बिना पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धी और लाभकारी मूल्योंा का एहसास कराकर उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है। ”

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