एजुकेशन
जीडी गोयनका स्कूल के छात्र ने जननायक मोदी जी को उनके जन्मदिन पर अनूठे अंदाज में दी बधाई
हम कथा सुनाते हैं तुमको नव भारत के इतिहास की..
लव-कुश बन कर उनकी ही शैली में इस युग के “राम” की गाई जय- गाथा..
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री और आजादी के कई दशकों बाद देश को मिले सच्चे जननायक नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर गुरुवार को पूरे देश और देश के बाहर लाखों प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ उनके करोड़ों प्रशंसकों ने उनका जन्म-दिवस अपने-अपने तरीके से मनाया। उनको दुआएँ दीं। शुभकामनाएँ दीं। बधाइयाँ दीं , लेकिन शुभकामनाओं के इस धरती भर वैश्विक उल्लास के बीच मोदी जी की जन्म दात्री गुजरात की पावन धरा पर सूरत में जीडी गोयनका स्कूल के छात्र ने ऐसे अनूठे अंदाज में मोदी जी को जन्मदिन पर आकाश भर बधाई दी कि हर कोई भाव-विभोर हो गया।
देश के दो नौनिहालों की भाव लीला देख-सुन कर लॉकडाउन के दौरान पुनः प्रसारित रामायण का वह दृश्य सबकी आँखों में तैर गया, जब लव-कुश अयोध्या पहुँच कर भगवान राम की कथा जन-जन को गाकर सुनाते हैं।
गौरतलब है कि जीडी गोयनका के छात्र अथर्व गोयल और उनके साथी शरव ने मोदी जी के जन्मदिन पर लव-कुश की वेशभूषा धारण कर उन्हीं के अंदाज में एक गीत के माध्यम से मोदी जी द्वारा भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए किए जा रहे सद् प्रयासों को बखूबी रेखांकित किया।
इस गीत में वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत, विश्व द्वारा भारत को मिलने वाले सम्मान, धारा 370 की समस्या के हल, भगवान राम के मंदिर के पुनर्निर्माण , भ्रष्टाचार मुक्त भारत, सबका साथ सबका विकास और आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्रों और कार्य-सिद्धियों को गीत की पंक्तियों के माध्यम से भावपूर्ण ढंग से उद्घाटित किया गया। बता दें कि यह गीत आगरा के लोक प्रिय गीतकार कुमार ललित द्वारा लिखा गया है।
गौरतलब है कि जीडी गोयनका के छात्र अथर्व गोयल और उनके साथी शरव ने मोदी जी के जन्मदिन पर लव-कुश की वेशभूषा धारण कर उन्हीं के अंदाज में एक गीत के माध्यम से मोदी जी द्वारा भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए किए जा रहे सद् प्रयासों को बखूबी रेखांकित किया।
इस गीत में वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत, विश्व द्वारा भारत को मिलने वाले सम्मान, धारा 370 की समस्या के हल, भगवान राम के मंदिर के पुनर्निर्माण , भ्रष्टाचार मुक्त भारत, सबका साथ सबका विकास और आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्रों और कार्य-सिद्धियों को गीत की पंक्तियों के माध्यम से भावपूर्ण ढंग से उद्घाटित किया गया। बता दें कि यह गीत आगरा के लोक प्रिय गीतकार कुमार ललित द्वारा लिखा गया है।